Shiv chaisa - An Overview
Shiv chaisa - An Overview
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देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥
किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तसु पुरारी॥
दुष्ट सकल नित मोहि सतावै। भ्रमत रहौं मोहि चैन न आवै॥
दिल्ली के प्रसिद्ध हनुमान बालाजी मंदिर
जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। यहि अवसर मोहि आन उबारो॥
मंत्र महिषासुरमर्दिनि स्तोत्रम् - अयि गिरिनन्दिनि
वेद नाम महिमा तव गाई। अकथ अनादि भेद नहिं shiv chalisa lyricsl पाई॥
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। येहि अवसर मोहि आन Shiv chaisa उबारो॥
नमो नमो जय नमः शिवाय। सुर ब्रह्मादिक पार न पाय॥
Whosoever offers incense, Prasad and performs arati to Lord Shiva, with like and devotion, enjoys product joy and spiritual shiv chalisa lyricsl bliss Within this world and hereafter ascends into the abode of Lord Shiva. The poet prays that Lord Shiva eradicated the struggling of all and grants them eternal bliss.
स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु मम संकट भारी॥
कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥
द्वादश ज्योतिर्लिंग मंत्र